?????? ??????????

This quote was added by marc3
हे सखे, तुम क्योँ रो रहे हो ? सब शक्ति तो तुम्हीं में हैं। हे भगवन्, अपना ऐश्वर्यमय स्वरूप को विकसित करो। ये तीनों लोक तुम्हारे पैरों के नीचे हैं। जड की कोई शक्ति नहीं प्रबल शक्ति आत्मा की हैं। हे विद्वन! डरो मत्; तुम्हारा नाश नहीं हैं, संसार-सागर से पार उतरने का उपाय हैं। जिस पथ के अवलम्बन से यती लोग संसार-सागर के पार उतरे हैं, वही श्रेष्ठ पथ मै तुम्हे दिखाता हूँ!

Train on this quote


Rate this quote:
2.8 out of 5 based on 12 ratings.

Edit Text

Edit author and title

(Changes are manually reviewed)

or just leave a comment:


Test your skills, take the Typing Test.

Score (WPM) distribution for this quote. More.

Best scores for this typing test

Name WPM Accuracy
eventlogging 170.00 100%
shubhammishra 46.74 92.0%
aishwary_varanasi 44.78 92.0%
vimlesh.maurya42 33.12 92.2%
rahulknp 33.07 96.3%
anshuman 29.95 96.6%
user75427 28.15 93.1%
pushpendra 26.75 91.1%
girijeshg2 24.86 91.7%
user61117 24.47 91.1%

Recently for

Name WPM Accuracy
reachat1993 16.82 92.5%
hsotnas_dnahc 17.40 90.8%
sanjaya 6.41 84.8%
ramendrakumar 10.64 82.0%
ramendrakumar 16.93 92.7%
ramendrakumar 18.01 93.9%
ramendrakumar 16.43 90.7%
girijeshg2 24.86 91.7%